"इंदौर ने जो प्यार दिया भुला नहीं पाऊंगा"- पहली श्रमिक ट्रेन 1500 यात्रियों को लेकर बंगाल रवाना हुई

  • 4 years ago
लॉकडाउन की वजह से पश्चिम बंगाल के हजारों लोग इंदौर में फंसे हुए थे। कुछ यहां काम करने के लिए आए थे, तो कुछ रिश्तेदारों के घर आए थे। पश्चिम बंगाल की सरकार से लोग लगातार अपील कर रहे थे कि इंदौर में फंसे लोगों के लिए घर लौटने की व्यवस्था की जाए। मगर पश्चिम बंगाल की सरकार ने इनकी कोई मदद नहीं की।
इंदौर से पश्चिम बंगाल के पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन मंगलवार को 1500 यात्रियों को लेकर रवाना हुई है। इस दौरान यात्रियों के चेहरे पर मुस्कान देखने लायक थी। ट्रेन से घर जा रहे एक यात्री ने कहा कि इंदौर के लोगों ने जो प्यार दिया है, उसे कभी नहीं भूला पाऊंगा। इंदौर बहुत अच्छा शहर है। यहां के लोगों ने हमें बहुत प्यार किया है। शिवराज सरकार का मैं शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने परिवार के पास जाने के लिए व्यवस्था कर दी है। श्रमिक स्पेशल ट्रेन से वापस पश्चिम बंगाल लौट रहे एक बुजुर्ग ने कहा कि मैं 16 मार्च को एक पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए इंदौर आया था। लॉकडाउन की वजह से यहीं फंस गया था। उसके बाद से इंदौर में ही रह रहा था। मैं शिवराज सरकार को थैंक्स कहना चाहता हूं, जिन्होंने घर जाने की व्यवस्था की है।
पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल के इंदौर स्टेशन से वर्धमान (पश्चिम बंगाल) के लिए रवाना हुई श्रमिक एक्सप्रेस में इंदौर से 1250 श्रमिक रवाना हुए हैं तथा भोपाल से 350 श्रमिक को लेकर या ट्रेन दुर्गापुर आसनसोल होते हुए वर्धमान पहुंचेगी। इससे पूर्व भी इंदौर स्टेशन से रीवा सतना और कटनी के लिए 2 श्रमिक एक्सप्रेस का संचालन किया जा चुका है जिसमें करीब 3000 श्रमिक अपने घर पहुंच चुके हैं।