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  • 5 years ago
रायबरेली । वीवीआइपी जिले में आज कुछ मजदूरों को ऐसी मांग करते हुए देखा गया जिसे इस लॉक डाउन में उम्मीद नहीं थी, जिलाधिकारी कार्यालय पर वह नारे लगा रहे थे। लॉकडाउन के चलते जंहा सरकार से लेकर सामाजिक संगठन प्रवासी श्रमिको के लिए भोजन पानी से लेकर उनकी अन्य तरह से मदद कर रहे है वही रायबरेली में संचालित एम्स के ठेकेदार द्वारा प्रवासी श्रमिको का दो माह से वेतन न दिए जाने से नाराज दर्जनों की संख्या में प्रवासी मजदूर डीएम कार्यालय पहुचे और वेतन दिलाये जाने की गुहार लगाई।


पूरा मामला यह हैकि आज जिलाधिकारी कार्यालय परिसर के बाहर खड़े ये मजदूर राज्य के कई हिस्सों से मेहनत मजदूरी करने रायबरेली के मुंशीगंज में निर्माणाधीन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में मजदूरी करने के लिए आये थे और यंहा विभिन्न तरह के कार्य कर रहे थे।इसी बीच कोरोना संक्रमण के चलते लॉक डाउन घोषित हो गया।इन श्रमिको के हाथों से इनका रोजगार छिन गया।हद तो तब हो गई जब इनसे काम करा रहे ठेकेदार ने संस्थान से तो भुगतान ले लिए लेकिन इन बेचारों को इनकी मजदूरी नही दी। इनके सामने रोटी के लाले पड़ गए।इन्होंने जब ठेकेदार को फोन किया तो उसने इनको अपशब्द कहे।थक हार कर आज ये जिलाधिकारी से गुहार लगाने पहुँचे और अपनी मजदूरी दिलाये जाने की मांग की जिससे ये अपने घरों को वापस जा सके।

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