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  • 5 years ago
नीमच की मनासा तहसील के कुछ गांवों में होने वाली पान की खेती कोरोना इफेक्ट की चपेट में आ गई है। लॉकडाउन के चलते पान का निर्यात महानगरों की ओर न होने से लाखों की पान की फसल खराब होने की स्थिति में आ गई है। किसानों ने पान के पत्ते तोड़कर ढोलियां तो तैयार कर ली हैं, लेकिन वाहनों के न चलने से पान बाहर नहीं जा पा रहा है। जिला स्तर पर भी पान की बिक्री पूरी तरह से बंद होने के कारण पान किसान चिंतित हैं। खराब हो चुके पान को किसान फेंक रहे हैं। मनासा तहसील के पड़दा, कुकड़ेश्वर गांवों में बड़ी संख्या में पान किसान हैं। जो परंपरागत तरीके से पान की खेती करते चले आ रहे हैं।नीमच जिले के मनासा तहसील का पान भारत के लगभग तमाम राज्यों में निर्यात किया जाता है। इन दिनों कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते पूरे देश में लॉकडाउन से जहां अन्य सभी व्यापारिक क्षेत्र प्रभावित हुए हैं तो पान के किसानों को भी जबरदस्त मार झेलनी पड़ रही है। पान किसानों ने लॉकडाउन के पहले पान के पत्ते बेलों से तोड़कर उनकी ढोलियां तैयार कर ली थीं। उन्हें तनिक भी अंदाजा नहीं था कि वैश्विक महामारी के दौरान लॉकडाउन हो जाएगा और ऐसे हालात झेलने पड़ेंगे। पान किसानों के घरों में टोकरियों में रखे पान के पत्ते काले पड़कर सडऩे लगे हैं। जिसके कारण किसानों को पान को फेंकना पड़ रहा है।

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