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  • 5 years ago
इंदौर शहर में लॉक डाउन के चलते वायु प्रदूषण का स्तर सुधर कर अच्छी श्रेणी में आ गया है। शहर में वायु प्रदूषण का मुख्य स्रोत वाहन हैं। चूंकि कर्फ्यू जैसी स्तिथि के कारण शहर में सारी गतिविधियां रुक गई हैं, जिनमें समस्त वाहन, रेल, हवाई जहाज, होटल, उद्योग आदि भी शामिल हैं। अतः हवा के महीन कणों के साथ-साथ गैसीय प्रदूषकों में भी अभूतपूर्व कमी आई है। पीएम 2.5 की मात्रा तो अब तक के न्यूनतम स्तर 15 माइक्रोग्राम- घनमीटर तक पहुंच चुकी है, जो मानक से 75% कम है। पीएम 10 की मात्रा तो अब तक के न्यूनतम स्तर 30 माइक्रोग्राम, घनमीटर तक पहुंच चुकी है, जो मानक से 70% कम है। ऐसी स्तिथि केवल बारिश में कुछ समय के लिए निर्मित होती है। इतनी नियंत्रित व संतुलित पर्यावरणीय स्तिथि वास्तव में अभूतपूर्व है। सड़कों पर पसरे सन्नाटे के कारण प्रदूषण के स्तोत्र विराम की स्तिथि में है। इस तनाव भरे समय में हमारे पर्यावरण में आए परिवर्तन ही हमें राहत दे रहे हैं। इस बीच एक और अच्छी ख़बर है कि कार्बन मोनो ऑक्साइड का उत्सर्जन भी बहुत कम हो गया है। इस प्रकार प्रदूषण मुक्त वायु में सांस लेना हमारे शरीर को संक्रमण से लड़ने की एक नई ऊर्जा प्रदान कर रहा है। जिससे हम सकारात्मक रहकर कोरोना वायरस से जीत सकते हैं, क्योंकि निर्मल वायु हमारे फेफड़ों को मजबूती प्रदान करेगी। जो हमें भय से भी मुक्त करेगी।

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