भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने साल 2014 में ही इलेक्ट्रॉनिक टोल सुविधा की शुरुआत कर दी थी. लेकिन तब ये वैकल्पिक था. लेकिन अब देश में इसे अनिवार्य कर दिया गया है. इसका मतलब ये हुआ कि टोल बूथ से गुजरने वाली सभी गाड़ियां RFID टैग से होकर गुरजरेंगी.
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