मुख्यमंत्री गहलोत बोले- जरूरत पड़ी तो डिटेंशन सेंटर जाने वाला मैं पहला व्यक्ति होऊंगा

  • 4 years ago
जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के तहत डिटेंशन सेंटर जाने वाले वे पहले व्यक्ति होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि देश में शांति और सद्भाव कायम करने के लिए केंद्र सरकार को सीएए वापस लेना चाहिए। क्योंकि, यह कानून संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।



शनिवार को गहलोत ने यह बात जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना दे रहे लोगों को संबोधित करते हुए कही। यहां सीएए के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर 16 दिन से धरना प्रदर्शन चल रहा है। गहलोत ने धरने पर बैठे लोगों को आश्वस्त किया कि कांग्रेस और राज्य सरकार उनके साथ है।



एनपीआर के लिए माता-पिता के जन्म स्थान का ब्यौरा मांगा जा रहा  

उन्होंने आगे कहा, 'नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के लिए माता-पिता के जन्म स्थान का ब्यौरा मांगा जा रहा है। अगर मैं यह जानकारी देने में असमर्थ हूं तो मुझे भी डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा। आप निश्चिंत रहिए अगर ऐसी स्थिति आती है तो वहां जाने वाला मैं पहला व्यक्ति होऊंगा।' 



'सरकार को लोगों की भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए'

गहलोत ने कहा- कानून बनाना सरकार का अधिकार है। लेकिन लोगों की भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए। देशभर में प्रदर्शनकारियों को पकड़ा गया है। कई मुख्यमंत्री सीएए के खिलाफ हैं। हम चाहते हैं कि केंद्र अपने फैसले पर पुनर्विचार करे। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा सरकार ने असम में एनआरसी लागू करने से इनकार कर दिया है।