Hanuman Chalisa I Traditional Style I Arun Prajapati I Kirtan Yug

  • 4 years ago
श्री हनुमान चालीसा I Hanuman Chalisa I Arun Prajapati I Kirtan Yug

Singer - Arun Prajapati
Lyrics - Traditional
Music - Tarun Arun Bros
Video - Pramod Sharma
Presented By - KIRTAN YUG

© Copyright: Kirtan Yug
Label:- Kirtan Yug

#HanumanChalisa
#ArunPrajapati

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श्रीगुरु चरन सरोज रज निजमनु मुकुरु सुधारि I
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि II
बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार I
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार II

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर I जय कपीस तिहुँ लोक उजागर II
राम दूत अतुलित बल धामा I अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा II

महाबीर बिक्रम बजरंगी I कुमति निवार सुमति के संगी II
कंचन बरन बिराज सुबेसा I कानन कुण्डल कुँचित केसा II

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे I काँधे मूँज जनेउ साजे II
संकर सुवन केसरी नंदन I तेज प्रताप महा जग बंदन II

बिद्यावान गुनी अति चातुर I राम काज करिबे को आतुर II
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया I राम लखन सीता मन बसिया II

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा I बिकट रूप धरि लंक जरावा II
भीम रूप धरि असुर सँहारे I रामचन्द्र के काज सँवारे II

लाय सजीवन लखन जियाये I श्री रघुबीर हरषि उर लाये II
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई I तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई II

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं I अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं II
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा I नारद सारद सहित अहीसा II

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते I कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते II
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा I राम मिलाय राज पद दीन्हा II

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना I लंकेश्वर भए सब जग जाना II
जुग सहस्र जोजन पर भानु I लील्यो ताहि मधुर फल जानू II

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं I जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं II
दुर्गम काज जगत के जेते I सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते II

राम दुआरे तुम रखवारे I होत न आज्ञा बिनु पैसारे II
सब सुख लहै तुम्हारी सरना I तुम रच्छक काहू को डर ना II

आपन तेज सम्हारो आपै I तीनों लोक हाँक तें काँपै II
भूत पिसाच निकट नहिं आवै I महाबीर जब नाम सुनावै II

नासै रोग हरे सब पीरा I जपत निरन्तर हनुमत बीरा II
संकट तें हनुमान छुड़ावै I मन क्रम बचन ध्यान जो लावै II

सब पर राम तपस्वी राजा I तिन के काज सकल तुम साजा II
और मनोरथ जो कोई लावै I सोई अमित जीवन फल पावै II

चारों जुग परताप तुम्हारा I है परसिद्ध जगत उजियारा II
साधु सन्त के तुम रखवारे I असुर निकन्दन राम दुलारे II

अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता I अस बर दीन जानकी माता II
राम रसायन तुम्हरे पासा I सदा रहो रघुपति के दासा II

तुह्मरे भजन राम को पावै I जनम जनम के दुख बिसरावै II
अन्त काल रघुबर पुर जाई I जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई II

और देवता चित्त न धरई I हनुमत सेइ सर्ब सुख करई II
संकट कटै मिटै सब पीरा Iजो सुमिरै हनुमत बलबीरा II

जय जय जय हनुमान गोसाईं I कृपा करहु गुरुदेव की नाईं II
जो सत बार पाठ कर कोई I छूटहि बंदि महा सुख होई II

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा I होय सिद्धि साखी गौरीसा II
तुलसीदास सदा हरि चेरा I कीजै नाथ हृदय महँ डेरा II

पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप I
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप II

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