लोकसभा में शिवसेना ने नागरिकता संशोधन बिल के पक्ष में वोट किया. लेकिन अब कह रही है कि उसे कुछ प्वाइंट पर सफाई नहीं मिली तो राज्यसभा में इस बिल के खिलाफ वोट करेगी...तो क्यों शिवसेना पल-पल रंग बदल रही है? दरअसल शिवसेना एक अजीब दोराहे पर खड़ी है. उसकी स्थिति का विरोधाभास शपथ ग्रहण समारोह से संसद तक नजर आता है.
Be the first to comment