नागरिकता संशोधन बिल को लेकर पूर्वोत्तर खासकर असम में काफी गुस्सा है। सोमवार को लोकसभा में बिल पास हाेने के बाद गुवाहाटी में नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन ने मंगलवार को बंद की घोषणा कर दी। सोमवार रात से ही गुवाहाटी में कई संगठन अलग-अलग तरीके से बिल का विरोध कर रहे हैं...गुवाहाटी यूनिवर्सिटी के छात्रों ने मशाल लेकर गुवाहाटी में विरोध प्रदर्शन किया। ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन ने बिल को सांप्रदायिक और असंवैधानिक करार दिया है।
नागरिकता बिल में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारत में जगह देने की बात कही गई है। लेकिन पूर्वोत्तर के लोगों का कहना है कि बांग्लादेश से अधिकतर हिंदू आकर असम, अरुणाचल, मणिपुर जैसे राज्यों में बसते हैं, इससे इन राज्यों की सांस्कृतिक, भाषाई और पारंपरिक विरासत पर संकट आ जाएगा..
फिलहाल ये बिल इनर लाइन परमिट सिस्टम वाले राज्य अरुणाचल प्रदेश, मिजाेरम और नागालैंड में लागू नहीं होगा। वहीं, त्रिपुरा, असम और मेघालय के जनजतीय क्षेत्रों में भी इसे लागू नहीं किया जाएगा। गृहमंत्री शाह ने मणिपुर में इनर लाइन परमिट लागू करने घोषणा कर दी है।
पूर्वोत्तर के कई राज्यों में इसी तरह का विरोध जारी है। हालांकि नगालैंड राज्य में हॉर्नबिल फेस्टिवल के चलते वहां बंद का असर देखने को नहीं मिला। बिल के विरोध में असम के कलाकारों ने भारत-जापान एनुअल समिट 2019 में भाग लेने से मना कर दिया है। ये समिट गुवाहाटी में 15 दिसंबर से शुरू होना है।
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