खर्च खर्च में अंतर || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2014)
  • 4 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
१३ अप्रैल २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

दोहा:
खान खर्चन बहु अन्तरा , मन में देख विचार
एक खवावे साध को, एक मिलावे छार ||

प्रसंग:
हमारे खर्च-खर्च में अंतर है ऐसा क्यों बता रहे है कबीर?
"एक खवावे साध को, एक मिलावे छार" इस दोहे का क्या अर्थ है?
यहाँ पर संत कबीर किस खर्च की बात कर रहे है?