एक गुरु से पाना चाहे और कुछ नहीं पाता है, दूजा गुरु के प्रेम में पाना भूल जाता है || आचार्य प्रशांत

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
९ दिसम्बर २०१५
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

प्रसंग:
एक गुरु से पाना चाहे और कुछ नहीं पाता है, दूजा गुरु के प्रेम में पाना भूल जाता है
गुरु के प्रति प्रेम कैसे लाये?
गुरु की बातो को किस प्रकार सुनने?
गुरु किसे माने?
गुरु के प्रति समर्पण भाव कैसे लाये?