किसी और की नज़रों से ख़ुद को देखना || आचार्य प्रशांत, युवाओं के संग (2014)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

संवाद सत्र
१२ अक्टूबर, २०१४
ए. के. जी. इ. सी, गाजियाबाद

प्रसंग:
भीड़ के सामने क्यों नहीं बोल पाता हूँ?
अगर सबके सामने बोलने में समस्या होती हो तो क्या करें?
कैसे जाने कि कहाँ पर क्या बोलना उचित है?
सबके सामने निडर क्यों नहीं हो पाते?
आत्मज्ञान क्या है?
दूसरे के सामने छवियाँ बनाने की चाह क्यों रहती है?

संगीत: मिलिंद दाते