शब्दयोग सत्संग, अद्वैत बोध-शिविर ३० अक्टूबर, २०१७ कैंचीधाम, नैनीताल
प्रसंग: जीवन में इतनी उलझनें क्यों हैं? रौशनी की दिशा में कैसे बढ़े? श्रद्धा और विश्वास में क्या अंतर है? कैसे जाने की हमारे अंदर श्रद्धा हैं या नहीं? क्या जीवन में उलझनें आती जाती रहे गी? सत्य के राह पर कैसे चलें?