बाहरी चुनौतियों से लड़ो और आंतरिक चुनौतियों को भूल जाओ || आचार्य प्रशांत (2016)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
६ जनवरी २०१६
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

प्रसंग:
बाहरी चुनौतियों से लड़ो और आंतरिक चुनौतियों को भूल जाओ
सहज स्वीकार मन को क्यों नहीं भाता है?
समर्पण माने क्या हैं?