शब्दयोग सत्संग, फ्री हर्ट्स कैंप १४ अप्रैल, २०१८ ऋषिकेश
दोहा: अब रहीम मुसकिल परी, गाढ़े दोऊ काम । साँचे से जो जग नहीं, झूठे मिले न राम ।। (संत रहीम)
प्रसंग: सत्य क्या है? "साँचे से जो जग नहीं, झूठे मिले न राम" संत रहीम क्या बताना चाह रहें हैं? सच पर चलने का फ़ायदा क्या? सत्य की राह कठिन क्यों मालूम पड़ती है? सत्यनिष्ठ होकर कैसे जीये? सत्य की प्राप्ति के लिए क्या करना होगा? सत्यस्थ होकर कैसे जीए? सत्य के सानिध्य में निरंतर कैसे बने रहें? सत्य को कैसे समझें? सत्य समझ में क्यों नहीं आता? सच क्या कभी तुम्हें भाएगा? सत्य की पुकार पर चलना दुनिया से भगोड़ापन तो नहीं? सत्य के मार्ग में चलने पर किन बाधाओं का सामना करना पड़ता है? सत्य की रह पर चलने में डर क्यों लगता है?