एक और आखिरी मौका || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2014)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
२१ दिसम्बर २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

दोहा:
दुर्लभ मानुष जन्म है, देह न बारम्बार ।
तरुवर ज्यों पत्ता झड़े, बहुरि न लागे डार ।।
~ कबीर

प्रसंग:
संत कबीर ऐसा क्यों कहते हैं कि मानव जन्म दुर्लब है?
मानव जन्म का क्या महत्व है?
मानव जन्म दुर्लभ क्यों?
मानव जन्म अमूल्य क्यों?
मानव जन्म बार-बार क्यों नहीं मिलता?
मनुष्य जन्म का उद्देश्य क्या?
जीवन का लक्ष्य कैसे निर्धारित करे?
जीवन में करने योग्य क्या है?
क्या जीवन में लक्ष्य होना आवश्यक है?

संगीत: मिलिंद दाते