..कबीरा खड़ा बाज़ार में, मांगे सबकी खैर, ना काहू से दोस्ती,न काहू से बैर।..
इसका मतलब है-
इस संसार में आकर कबीर अपने जीवन में बस यही चाहते हैं कि सबका भला हो और संसार में यदि किसी से दोस्ती नहीं तो दुश्मनी भी न हो !
महाराष्ट्र की सियासत में ये दोहा एनसीपी के मुखिया शरद पवार पर बिल्कुल सटीक बैठता है। साल 1978 से लेकर आज तक शरद पवार ने कई बार राजनीतिक पंडितों के माथे पर सिलवटे ला दी हैं। अच्छे-अच्छे को पवार ने गच्चा दे दिया है।
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