Nai Generation ke Sath Adjustment

  • 5 years ago
"साठ – सत्तर साल तक बुज़ुर्ग आपनी तरह से जिंदगी जीते है। बच्चो और उनके बीच बड़ा जनरेशन गेप होता है। बुजुर्गो के लिए अपनी आदतें बदल कर एड्जस्ट होना कठीन होता है। रिटायर होने पर बहार के संघर्ष बंध हो जाते है और घरमें क्लेश बढ़ जाते है। बच्चों के साथ एड्जस्ट होने के बदले अपनी तरह से चलते रहने से क्लेश होते है। एड्जस्ट ऐवरीवेर का मतलब यह है की, अपनी मर्जी या उसके विरुद्ध –दोनों ही संजोगो में हमें अंदर से एड्जस्ट होना है। मज़बूरी में नहीं, ख़ुशी से लेना है। यह ध्येय है और उसे पक्का करके हमें जो संजोग आये उसमे ख़ुशी ख़ुशी एड्जस्ट होना चाहिए। हमें जो पसंद है वैसा व्यवहार हमें दूसरों के साथ करना चाहिए। यह मान्यता की हम बड़े है और सब को हमारी बात माननी चाहिए उसे निकाल देनी चाहिए। इससे हमें और घरमें सभी को शांति रहेगी और बच्चों को बड़ों के प्रति आदर और प्रेम भाव रहेगा।

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