नागपुर में संघ मुख्यालय की सुरक्षा पुख्ता हुई 

  • 5 years ago
मुंबई. सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या को लेकर अपना फैसला सुना दिया है। फैसले में विवादित ढांचे की ज़मीन हिन्दुओं को दी जाएगी। वहीं मस्जिद के लिए पांच एकड़ की जमीन अलग से दी जाएगी। कोर्ट के फैसले को मद्देनजर रखते हुए देश के सभी राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था को चाकचौबंद कर दिया गया है। महाराष्ट्र में खास तौर पर मुंबई, पुणे, औरंगाबाद और नासिक में सुरक्षा को बढ़ा दी गई है। मुंबई के अलग-अलग इलाकों में लगभग 50,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए। जरुरत पड़ने पर पुलिस, अर्धसैनिक बलों की भी मदद लेगी। वहीं पुणे में दोपहर के बाद सभी स्कूल बंद करने का आदेश दिया गया है। 

 

इन सभी जिलों में स्निफर डॉग स्क्वॉड, बम का पता लगाने और निपटान दस्ते को भी पुलिस ने मुस्तैद कर दिया है। सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है। सभी पुलिस वालों की छुट्टियां अगले आदेश तक रद्द कर दी गई हैं। पुलिस कंट्रोल रूम के जरिए सीसीटीवी से पूरे शहर को मॉनिटर किया जा रहा है। इस बीच शुक्रवार शाम को पुलिस ने शहर के कई इलाकों में फ्लैग मार्च किया। इस दौरान लोगों से फैसले के बाद शांति बनाने की अपील भी की गई।

 

अदालत के फैसले को स्वीकार करना चाहिए: गडकरी

अदालत के फैसले पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आदालत ने जो फैसला दिया है, उसे एक लोकतांत्रिक देश होने के नाते सभी को स्वीकार करना चाहिए। देश में शांति और सद्भाव कायम रखना चाहिए सभी को शांति से रहना चाहिए।

 

नागपुर में संघ मुख्यालय के बाहर बढ़ी सुरक्षा 

फैसले को देखते हुए नागपुर में संघ मुख्यालय में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। सीआईएसएफ और क्यूआरटी की टीम भी ऑफिस के बाहर तैनात की गई है। इसके अलवा लोकल पुलिस की टीम भी तैनात की गई है। 



4 से 18 नवंबर तक मुंबई में  प्रतिबंधात्मक आदेश

मुंबई में 4 से 18 नवंबर तक प्रतिबंधात्मक आदेश रहेगा हैं। संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) विनय चौबे ने कहा कि प्रतिबंधात्मक आदेश पहले ही महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के तहत लगाए जा चुके हैं। सुरक्षा बढ़ा दी गई है और संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सावधानियों के साथ आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। 

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