दीपोत्सव का दूसरा दिन नरक चतुर्दशी अथवा रूप चौदस होता है। अत: इस दिन इन बातों का ध्यान रखते हुए इस दिन को मनाना चाहिए। इस दिन सूर्योदय से पूर्व शरीर पर तेल लगाकर स्नान करना चाहिए। सूर्योदय के पश्चात स्नान करने वाले के वर्षभर के शुभ कार्य नष्ट हो जाते हैं। स्नान के पश्चात दक्षिण मुख करके यमराज से प्रार्थना करने पर व्यक्ति के वर्ष भर के पाप नष्ट हो जाते हैं।
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