पीएम मोदी ने फिट इंडिया मूवमेंट चलाने की अपील की है. लेकिन लगता है दिल्ली के लोग इस आंदोलन में अब उतना योगदान नहीं दे पाएंगे.
अब अगर मोमोज की चटनी को लेकर दिल्ली वालों का गुस्सा बढ़ जाए तो शिकायत न कीजिएगा. जब जिम ही नहीं होंगे तो कोई कैसे फिट रहेगा? जब योगा और मेडिटेशन सेंटर ही बंद हो जाएंगे तो कैसे कोई अपने गुस्से को काबू में रखना सीखेगा?