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  • 6 years ago
जैसे ही बैशाख और ज्‍येष्‍ठ माह शुरू होता है भीलवाड़ा के महात्‍मा गांधी अस्‍पताल परिसर से ढोल- नगाड़े के साथ आत्‍माओं को ले जाने का सिलसिला शुरू हो जाता है. आए दिन अस्‍पताल परिसर में इलाज के दौरान दम तोड़ने वाले मरीजों के परिजन धार्मिक अनुष्‍ठान के साथ यहां से आत्‍माएं ले जाते नजर आते हैं. अस्‍पताल से आत्‍मा ले जाने का अंधविश्‍वास आज भी बरकरार है. ग्रामीणों का मनाना है कि अस्‍पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ने वाले उनके परिजनों की आत्‍माएं यही मंडराती रहती हैं. जिनकी आत्‍म शांति के लिए उन्‍हें धार्मिक अनुष्‍ठान के साथ घर ले जाना आवश्‍यक है. सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश खोईवाल कहते हैं कि प्रशासन और पुलिस की ढिलाई से ये अंधविश्‍वास और गहरी जडे़ं जमाता जा रहा है.

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