लोकसभा चुनावों के प्रचार प्रसार में तेज़ी के कारण, मुरझाया हुआ फूल बाज़ार खिल उठा है. बाज़ार में खोई हुई रौनक लौट आई है और फूलों की मांग बढ़ गई है. इस बढ़ती मांग के साथ ही फूलों की कीमतों में भी उछाल आ गया है. हर राजनीतिक दल का कार्यकर्ता अपने नेताओं के स्वागत सम्मान के लिए दिल खोलकर फूलों की खरीदारी कर रहा है.ऊना में भी कुछ ऐसा ही माहौल है, फूलों की बिक्री बढ़ने से फूल विक्रेताओं के चेहरों पर भी फूलों जैसी खिलखिलाहट देखी जा सकती है. फूलों की माला कुछ दिन पहले तक मात्र दस रुपये में बिक रही थी अब उसकी कीमत बढ़कर 25 से 30 रूपए तक पहुंच चुकी है.