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  • 7 years ago
बारां जिले के छीपाबड़ौद तहसील स्थित सारथल कस्बे में गणगौर का पर्व रविवार को परम्परागत तरीके से मनाया गया. तेजस्वी ईसर व माता गवरी की प्रतिमा को परम्परागत तरीके से श्रृंगारित किया गया. बारां के सारथल गढ़ पैलेस में गणगौर पर्व का यह आयोजन 200 वर्षो से होता आ रहा है. सारथल गढ़ पैलेस के राजा वीरभद्र सिंह राठौड़, पुरु सिंह राठौड़, लोकेंद्र सिंह राठौड़, दिग्विजय सिंह राठौड़ की अगुआई में गणगौर की शाही सवारी परम्परगत तरीके से पैलेस से निकली. ईसरजी की प्रतिमा व गवरी माता की सवारी घोड़ों पर सवार अंगरक्षकों व पैदल सेनानियों के लश्कर के साथ लोक संगीत की धुन पर चलती हुई गणगौर चौक पर जाकर समाप्त हुई. वहां ईसर जी व माता गवरी की पूजा की गई. इस अवसर पर ग्रामीण अंचल का प्रसिद्ध ऐतिहासिक गणगौर मेला भी परवान पर रहा. सारथल क्षेत्र के दर्जनों गांवों के लोग शाही सवारी देखने पहुंचे. लोगों ने मेले में घुड़सवारी व घोड़ी नृत्य का लुत्फ़ लिया.

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