होली का उल्लास फिजाओं में फैलने लगा है. जयपुर के गुलाल गोटे भी तैयार है होली में रंग भरने के लिए गंगा-जमुनी संस्कृति का प्रतीक गुलाल गोटे की यह कला करीब 3 सौ साल से गुलाबीनगर में फल फूल रही है, अब तो जयपुर का गुलाल गोटा देश सीमाएं लांघ विदेशों में भी पहुंचने लगा है.जयपुर में मनिहारों के रास्ते में कई परिवार इनदिनों दिन रात गुलाल गोटे बनाने में जुटे हैं. दरअसल गुलाल गोटा चूड़ियां बनाने वाली लाख का बना रंग भरा गोला होता है, जो कागज की तरह हल्का होता है जिसे फेंकने पर टकराते ही रंग-बिखर जाता, इसे बनाने की तैयारियां होली से महीनों पहले शुरू हो जाती है. मनिहारों के परिवार मिलकर गुलाल गोटे बनाते हैं.
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