कासगंज में प्रशासन की सुस्ती पर सवाल लगातार उठ रहे थे। इस वजह से ही मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने लॉ एंड ऑर्डर पर एक बड़ी बैठक की। तमाम अधिकारियों को निर्देश दिए कि कानून को हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यूपी सरकार से एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब किया है। लेकिन कासगंज की घटना को लेकर सिसायत लगातार जारी है। बीजेपी इसे जहां सोची-समझी साज़िश बता रही है, वहीं विरोधी आग में घी डालते दिख रहे हैं
कासगंज पर जारी सियासत के बीच आज उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में एक बार फिर तिरंगा यात्रा निकाली गई। आगरा और फिरोज़ाबाद में वीएचपी ने तिरंगा यात्रा निकाली। उनकी मांग थी कि चन्दन को 50 लाख का मुआवज़ा दिया जाए और उसे शहीद का दर्जा मिले। हालांकि हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ऐसी ही मांग करने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया।
तिरंगा यात्रा को लेकर यूपी के कई जिलों में अफवाहों का बाजार भी गर्म रहा। शाहजहांपुर में कुछ ऐसा ही हुआ।इधर फिरोजाबाद में कुछ लोगों ने तिरंगा यात्रा निकालने की कोशिश की, हालांकि पुलिस ने इसे बीच में ही रोक दिया।
आगरा और फिरोजाबाद में निकली तिरंगा यात्रा को सतर्क प्रशासन ने काबू में रखा। लेकिन अमेठी में प्रशासन की कलई एक बार फिर खुल गई। यहां पहले गैंगवॉर हुआ और फिर मामला सांप्रदायिक रंग लेने लगा। जब हालात बेकाबू हो गए तब जाकर प्रशासन की नींद खुली।
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