अनाज हमारे मूलभूत जरूरतों में से एक है और इसी की पूर्ति के लिए साठ के दशक में हरित क्रांति लाई गई और अधिक से अधिक अन्न उपजाने का नारा दिया गया। लेकिन हरित क्रांति ने जहां देश को खाद्यान के मामले में आत्मनिर्भर बनाया वही इसके बाद खेती में उर्वरकों और कीटनाशकों के अंधाधुंध और असंतुलित इस्तेमाल भी शुरू हुआ। इससे उत्पादन तो बढ़ा लेकिन वक्त के साथ साथ इसका दुष्प्रभाव मनुष्य और पशुओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ पानी, भूमि और पर्यावरण पर भी स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। खेती और पर्यावरण पर बढ़ते इस दुष्प्रभाव को रोकने में आज जैविक खेती एक वरदान साबित हो रहा है। यही वजह है कि रासायनिक प्रदूषण से तंग आकर देश और विदेश के वैज्ञानिक जैविक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए इसी साल मार्च में जैविक खेती पोर्टल का शुभारंभ किया। खेती-किसानी के बारे में इस पोर्टल से किसानों को काफी फायदा हो रहा है। सिक्किम दुनिया का पहला जैविक राज्य बन गया है। अंतर्राष्ट्रीय मंचों से सिक्किम की पहल को सम्मान मिल रहा है। आज विशेष के इस अंक में हम बात करेंगे जैविक खेती को लेकर सिक्किम को मिले सम्मान की, जानेंगे जैविक खेती और इसके फायदे के बारे में, इसके साथ ही हम बात करेंगें भारत में जैविक खेती की समस्या और संभावनों के बारे....
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