सुप्रीम कोर्ट ने महज कुछ घंटों बाद मणिपुर से रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस म्यांमार भेजे पर रोक लगाने से गुरुवार को साफ इनकार कर दिया। भारत की तरफ से आधिकारिक तौर पर म्यांमार प्रत्यर्पण का यह पहला मामला है।
वकील प्रशांत भूषण ने इस में सुप्रीम कोर्ट से दखल देने की मांग की थी और कहा था कि यह अदालत का कर्तव्य है कि वह राज्य विहीन रोहिंग्या शरणार्थियों की रक्षा करे।