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  • 8 years ago
जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद आसाराम और बाहर उसके चेलों की धड़कनें बढ़ चुकी हैं. नाबालिग रेप केस में जोधपुर की स्पेशल कोर्ट 25 अप्रैल को फैसला सुनाने वाली है. नाबालिग रेप केस में आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 की रात इंदौर से गिरफ्तार किया था. आसाराम के छिंदवाड़ा गुरुकुल में पढ़ने वाली लड़की ने आरोप लगाया था कि आसाराम ने शिल्पी, शिवा और शरत नाम के अपने चेलों के जरिए उसे जोधपुर के मणई आश्रम बुलाया. आश्रम में भूत-प्रेत भगाने के नाम पर आसाराम ने 15 अगस्त 2013 की रात उसका यौन उत्पीड़न किया. इस केस में आसाराम ने जमानत पाने के लिए सेशंस कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कई बार गुहार लगाई. कभी बीमारी के नाम पर, तो कभी उम्र का हवाला देकर आसाराम ने जमानत मांगी, लेकिन किसी भी कोर्ट ने आसाराम की दलीलों पर भरोसा नहीं किया. पीड़िता के परिवार को धमकियां मिलीं, कई गवाहों पर जानलेवा हमले हुए और तीन गवाहों की तो हत्या भी हो गई. तमाम मुश्किलों के बाद 7 अप्रैल को मुकदमे का ट्रायल पूरा हुआ. इस मुकदमे के ट्रायल के दौरान आसाराम जब भी पेशी पर आते थे, तब उनके चेले बवाल मचाने लगते थे. इसी वजह से अदालत ने आसाराम को चेतावनी भी दी कि अगर उन्होंने अपने चेलों को काबू में नहीं रखा तो मुकदमे की सुनवाई जेल में ही होगी. फिर जब फैसले की बारी आई, तो जोधपुर पुलिस ने जेल में ही फैसला सुनाने की अपील करनी पड़ी. हाईकोर्ट की मंजूरी से कल जोधपुर सेंट्रल जेल में ही कोर्ट लगेगी. आसाराम केस में फैसले के मद्देनजर जोधपुर में 30 अप्रैल तक धारा 144 लागू कर दी गई है.

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