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  • 7 years ago
गुजरात के नरोदा पाटिया दंगे की जिसमें बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री माया कोडनानी को सबसे बड़ी राहत मिली है। 2002 से दंगे की साजिश का आरोप झेल रहीं माया कोडनानी को 16 साल बाद बरी कर दिया गया। गुजरात हाईकोर्ट ने दंगे की मुख्य आरोपी माया कोडनानी को निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया है। निचली अदालत ने कोडनानी को 28 साल की सजा सुनाई थी लेकिन हाईकोर्ट ने इस फैसले को पलटते हुए उन्हें बरी कर दिया है। हालांकि हाईकोर्ट ने दूसरे अहम आरोपी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी को राहत नहीं दी है और 21 साल की सजा सुनाई गई है। 2002 के नरोदा पाटिया दंगा केस में स्पेशल एसआईटी कोर्ट ने माया कोडनानी समेत 32 लोगों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने आज माया कोडनानी के अलावा 16 और लोगों को बरी कर दिया। हालांकि 12 दोषियों की सजा हाईकोर्ट ने बरकरार रखी है। एक आरोपी की मौत पहले ही हो चुकी है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि दंगे की जगह पर माया कोडनानी की मौजूदगी साबित नहीं होती है। इस मामले में जो 11 गवाह थे, उन्होंने भी माया कोडनानी का नाम नहीं लिया है। कोडनानी पर आपराधिक साजिश का आरोप साबित नहीं होता है इसलिए उन्हें बरी किया जाता है।

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