Justice And Judge का Differnce जानते हैं क्या आप | वनइंडिया हिन्दी
  • 6 years ago
First time ever in History of Indian Democracy, Supreme Court Justice appeared in front of the media. This incident makes whole country surprised and bring the matter of Supreme Court, Judges and Justice on common debate table among common people. This raises the question on Judge Loya case. Some people are calling him Justice Loya also, but do you really know the difference between Justice and Judge. Are you wondering whether to call him Judge Loya or Justice Loya? Which one is the correct term to use? Yes, there is a BIG difference in both positions and as a responsible media channel, it is our duty to make you aware and bring correct information. So in today's video, we are going to tell you the difference between Justice and Judge and where to use these terms correctly.

इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मीडिया के सामने आए थे और देश में सुप्रीम कोर्ट, जज और जस्टिस का मुद्दा आम हो गया ... लेकिन क्या आपको पता है की जज और जस्टिस में फर्क है.. जो बार- बार कहा जा रहा है की जस्टिस लोया की मौत की जांच हो उसमें उन्हें जज कहा जाय या जस्टिस... खैर आपके इस फर्क को हम दूर कर देते हैं... हम आपको बताते हैं की जज और जस्टिस में फर्क है... जज और जस्टिस को लेकर हम हमेशा ग़लती करते हैं.. हम एक जिम्मेदार चैनल हैं ये हमारा फर्ज बनता है की हम सही तथ्य आपको बताएं.... लोअर कोर्ट में जज होते हैं , हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस . लोया जज थे , जस्टिस नहीं . कोई उनको जज लिख रहा है , कोई जस्टिस . जस्टिस को हिन्दी में न्यायमूर्ति कहते हैं . जज को न्यायाधीश कहते हैं . प्रचलन में जस्टिस को न्यायाधीश भी कहा जाता है लेकिन ज़िला जजों को न्यायमूर्ति नहीं कहा जा सकता . जस्टिस को जज कहा सकता है लेकिन जज को जस्टिस नहीं . जैसे सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस को जज भी कहा जाता है लेकिन ज़िला अदालतों के जज को जस्टिस नहीं कहा जा सकता . लोअर कोर्ट में योर ऑनर कहा जाता है , अपर कोर्ट में मी लार्ड . अब उनके लिए योर लार्डशिप कहा जाता है . ऐसे में एक बार और आपको बता दें की निचली अदालतों के जजों को किसी भी सूरत में जस्टिस नहीं कहा जा सकता...
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