होली के 13वें दिन चार सौ साल से दहाड़ते हैं ये शेर, आज तक नहीं हुई कोई दुर्घटना-On the 13th day of Holi, the lions roar for four hundred years, no tragedy till today

  • 5 years ago
भीलवाड़ा जिले के माण्‍डल कस्‍बे में रंग तरेस के अवसर पर नाहर नृत्‍य समारोह का आयोजन हुआ. देश के विभिन्‍न हिस्‍सों से लोग इस समारोह को देखने के लिए आते हैं. होली के 13वें दिन नाहर नृत्य की परंपरा करीब 406 साल पुरानी है. बता दें कि मुगल बादशाह शाहजहां के 1614 में मांडल पडाव के दौरान मनोरंजन के लिए यह नृत्य किया गया था. इस नृत्य में कलाकार रूई लपेटकर शेर का वेश बनाते हैं. वहीं माण्‍डल एसडीएम कृष्‍णपाल सिंह चौहान ने कहा कि इस वर्ष नाहर नृत्य समारोह को लोकसभा चुनाव भी जोड़ा गया है. जिससे अधिक से अधिक मतदान को लेकर प्रेरित किया जा सके.

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