तहलका के संपादक तरुण तेजपाल पर जबसे उन्ही के संस्थान की एक महिला पत्रकार ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है तभी से हर ज़ुबान पर यही सवाल है की वर्क प्लेस को महिलाओं के लिए ज़्यादा से ज़्यादा महफूज़ कैसे बनाए?
लेकिन समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने एक ऐसा बयान दिया है जिससे महिला आयोग ने स्ख्त आक्रोश जताया है उनका कहना है की तमाम बड़े अधिकारी महिलाओं को अस्सिटेंट बनाने से बचना चाह रहे है. आज का हमारा सवाल भी इसी से मिलता जुलता है की आख़िर ऐसे मुद्दे पर नेता संवेदनशील क्यों नही है? इसी मुद्दे पर देखिए हमारी ये खास पेशकश "आज का मुद्दा"
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